Ola-UBER जैसी टैक्सी कंपनियों की मनमानी होगी खत्म, डिमांड बढ़ने पर किराया हुआ तय
सरकार का यह कदम अहम हो जाता है, क्योंकि लोग कैब सर्विस (Cab service) देने वाली कंपनियों के मैक्सिमम किराये पर लगाम लगाने की लंबे समय से मांग कर रहे थे.
ओला-ऊबर जैसी टैक्सी सर्विस का भारत में काफी बड़ा मार्केट है. (रॉयटर्स)
ओला-ऊबर जैसी टैक्सी सर्विस का भारत में काफी बड़ा मार्केट है. (रॉयटर्स)
Motor vehicle aggregator guidelines 2020: ऐप बेस्ड टैक्सी सर्विस (App Based Taxi Service) देने वाली कंपनियों पर सरकार ने सख्ती कर दी है. सरकार ने ओला और उबर (Ola-UBER) जैसी कैब कंपनियों के ऊपर डिमांड बढ़ने पर किराए बढ़ाने की एक लिमिट लगा दी है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, अब ये कंपनियां बेस फेयर (मूल किराये) के डेढ़ गुने से ज्यादा किराया नहीं वसूल सकेंगी. सरकार का यह कदम अहम हो जाता है, क्योंकि लोग कैब सर्विस (Cab service) देने वाली कंपनियों के मैक्सिमम किराये पर लगाम लगाने की लंबे समय से मांग कर रहे थे.
मोटर वाहन एग्रीगेटर गाइडलाइंस 2020 जारी (Motor vehicle aggregator guidelines issued)
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport and Highways) की तरफ से शुक्रवार को जारी मोटर वाहन एग्रीगेटर गाइडलाइंस 2020 (Motor vehicle aggregator guidelines 2020) के मुाताबिक एग्रीगेटर कंपनियों को मूल किराये के 50 प्रतिशत तक मिनिमम किराये और डेढ़ गुने तक मैक्सिमम किराये वसूलने की मंजूरी दी जाती है.
मंत्रालय ने कहा कि यह संसाधनों के इस्तेमाल को सुलभ करेगा और बढ़ावा देगा, जो कि परिवहन एग्रीगेशन के सिद्धांत का मूल है. यह गतिशील किराये के सिद्धांत को प्रमाणिक बनाएगा, जो डिमांड और सप्लाई के मुताबिक, संसाधनों का इस्तेमाल सुनिश्चित करने में प्रासंगिक है.
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कम से कम 80 प्रतिशत हिस्सा वाहन चालक को मिलेगा (The driver will get at least 80 percent share)
नए गाइडलाइंस के मुताबिक, हर सवारी (राइड) पर लागू किराये का कम से कम 80 प्रतिशत हिस्सा एग्रीगेटर के साथ जुड़े वाहन के चालक को मिलेगा. बाकी हिस्सा एग्रीगेटर कंपनियां रख सकती हैं.
मंत्रालय ने कहा कि जिन राज्यों में शहरी टैक्सी का किराया राज्य सरकार ने निर्धारित नहीं किया है, वहां किराया विनियमन के लिये 25-30 रुपये को मूल किराया माना जाएगा. राज्य सरकारें एग्रीगेटर की तरफ से जोड़े गए दूसरे वाहनों के लिए इसी तरह से किराया निर्धारित कर सकती हैं.
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ओला-ऊबर जैसी टैक्सी सर्विस का भारत में काफी बड़ा मार्केट है. यह सर्विस फिलहाल बड़े महानगरों और कई टियर 2 सिटी में उपलब्ध हैं. आने वाले समय में इसमें और भी कंपनियां अपना बिजनेस शुरू करने वाली हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में इसका बिजनेस तेजी से बढ़ रहा है. लाखों लोगों को रोजगार भी मिल रहा है.
08:00 AM IST